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अब कहाें फेर के

अब कहाें फेर के, मूल मिलावे की वीतक ।

जैसी अाज्ञा धनी की, साे बातां बुजरक ।।

काक चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निंद्रा तथैव च । अल्पाहारी, सदाचारी एतद विद्यार्थिन पंच लक्षणं ।।...read more

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